ऐसी कौन सी खता हो गई, जो तुम मुझसे ही खफा हो गई। बसा के मेरे हृदय में रुदन, तन्हा एक बार नही सौ दफा हो गई। कर के उन कसमों की जिल्लत, अफसानों में चमकती बेवफा हो गई। भर के इंद्रियों में इश्क की बूंदें, तन में सजती बेड़ियाँ जैसे नफा हो गई। #बेवफा #जिल्लत #दर्द #जुदाई । #Hindi #shayri #Poetry #Quotes #story #Motivation ऊषा माथुर निdhi🖤 Sudha Tripathi