जल चुके हैं दिल सभी के धुआं निकलना बाकी है जो कैद में है लोग सारे उनका निकलना बाकी है! बहुत कुछ खो चुके हैं गरीब पहले ही अभी असली तबाही का तो आना बाकी है! #संभलकर #चेतावनी #आग्रह