मेरे इन शब्दों को, खुद का भी मेहबूब वाक्य बनाओगी क्या? और मैं आंखें पढ़ लूंगा तुम्हारी। तुम कुछ सुनाओगी क्या?♥️ वैसे तो सोचता हूं, क्या दू! तख्त - ओ - ताज तुम जैसी मल्लिका को! मैं तो बस अपनी गुलामी स्वीकारता हूं। मुझे अपना गुलाम बनाओगी क्या?😍♥️ ग़ुलाम #love #loveatfirstsight #zindagi #shayari