हे प्रभु जब से तुम्हें, मन के मंदिर में बसाया है, तेरे नाम का चिराग, अपने हृदय में जलाया है। चराग़-ए-रौशन से तूने, मेरी ज़िन्दगी संवारी है, तेरा ये चिराग जीवन की, आँधियों पे भारी है। 🌝प्रतियोगिता- 08 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"चराग़-ए-रौशन" 🌹 Meaning : Bright lamp 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या