क्यों करता है दूसरों की फ़िक्र, पहले ख़ुद तो संभल, छोड़ दुनिया के झमेले, कोई साथ नहीं तू अकेला चल। दुनिया स्वार्थियों का बसेरा, कौन किसके लिए रोया है, ना कोई अपना ना पराया है, जो है सिर्फ मोह माया है। छोड़कर दुनिया का मोह-माया, जीवन पथ पर चल, छोड़ दुनिया के झमेले, कोई साथ नहीं तू अकेला चल। जहाँ में तू अकेला ही आया है, तू अकेला ही जाएगा, दिल नहीं दिमाग से काम ले, वरना बहुत पछताएगा। तेरा खाएँगे तुझे ही आँख दिखाएँगे, तू रहेगा विकल, छोड़ दुनिया के झमेले, कोई साथ नहीं तू अकेला चल। क्यों करता है दूसरों की फ़िक्र, पहले ख़ुद तो संभल, छोड़ दुनिया के झमेले, कोई साथ नहीं तू अकेला चल। 🍬 #collabwithपंचपोथी 🍬 विषय - #अकेला_चल 🍬 प्रतियोगिता- 12(मुख्य) 🍬 समय - 24 घंटे तक 🍬 collab करने के बाद comment में done लिखे 🍬 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।