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हालाते-दास्तां का स्वर विलाप करने लगे परिवर्तित दश

हालाते-दास्तां का स्वर विलाप करने लगे
परिवर्तित दशा को नवक्रांति का स्वर दो।
जिंदगी सफ़र संज्ञा बस, निरन्तर संघर्ष है
प्रतिपल जीवन! आशा सरिता से भर दो।
पथ के राही! निराश और नाराज नही हो
स्थिर मन में विश्वास-अमित नभ भर दो।
जिस  रिक्तता-निहारती नजरें आकाश में
बस! ऐसे ही बुलंद इरादों से इसे भर दो।
सफ़रे-जिंदगी है यहाँ  सागर से भी गहरा
तुम! अडिग स्तंभ निश्चय से पूर्ण कर दो।
उम्मीदें-पर्वत है दुर्गम, और अति विशाल
मुसाफ़िर विकलांग हौसलें में घर कर दो।
सफ़र है बडा जिंदगी कम है यहाँ अनिल
अपनी-निगाहों!तुम लक्ष्य अटल भर दो।

©Anil Ray हालाते-दास्तां का स्वर विलाप करने लगे
परिवर्तित दशा को नवक्रांति का स्वर दो।
जिंदगी सफ़र संज्ञा बस, निरन्तर संघर्ष है
प्रतिपल जीवन! आशा सरिता से भर दो।
पथ के राही! निराश और नाराज नही हो
स्थिर मन में विश्वास-अमित नभ भर दो।
जिस  रिक्तता-निहारती नजरें आकाश में
बस! ऐसे ही बुलंद इरादों से इसे भर दो।
हालाते-दास्तां का स्वर विलाप करने लगे
परिवर्तित दशा को नवक्रांति का स्वर दो।
जिंदगी सफ़र संज्ञा बस, निरन्तर संघर्ष है
प्रतिपल जीवन! आशा सरिता से भर दो।
पथ के राही! निराश और नाराज नही हो
स्थिर मन में विश्वास-अमित नभ भर दो।
जिस  रिक्तता-निहारती नजरें आकाश में
बस! ऐसे ही बुलंद इरादों से इसे भर दो।
सफ़रे-जिंदगी है यहाँ  सागर से भी गहरा
तुम! अडिग स्तंभ निश्चय से पूर्ण कर दो।
उम्मीदें-पर्वत है दुर्गम, और अति विशाल
मुसाफ़िर विकलांग हौसलें में घर कर दो।
सफ़र है बडा जिंदगी कम है यहाँ अनिल
अपनी-निगाहों!तुम लक्ष्य अटल भर दो।

©Anil Ray हालाते-दास्तां का स्वर विलाप करने लगे
परिवर्तित दशा को नवक्रांति का स्वर दो।
जिंदगी सफ़र संज्ञा बस, निरन्तर संघर्ष है
प्रतिपल जीवन! आशा सरिता से भर दो।
पथ के राही! निराश और नाराज नही हो
स्थिर मन में विश्वास-अमित नभ भर दो।
जिस  रिक्तता-निहारती नजरें आकाश में
बस! ऐसे ही बुलंद इरादों से इसे भर दो।
anilray3605

Anil Ray

Bronze Star
Growing Creator