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हुआ जब जब में खुद से निराश, दुनिया से परेशां अपनो

हुआ जब जब में खुद से निराश, 
दुनिया से परेशां अपनो से हैरान, 
ठुकराया गया जब भी मैं हर तरफ़ से, 
किसी से ना कह पाऊ वो बाते इससे करता हूं, 
और शब्द ख़त्म हो तब भाव जगह ले तभी, 
मैंने अश्कों से भिगोया है अपना तकिया!

कहु क्या मै इसे बस यही है हमदर्द मेरा, 
हर सिसकियों में सुना है इसने दर्द मेरा,
मजबूत हूँ मै दुनिया को रोज दिखलाता हूँ,
मेरे तकिये के सामने ही तो खुल के रो पाता हूँ! 

साथ ही इसके देखे है मैंने कयी ख्वाब,
कभी हँस कर गले लगाया है तो, 
गुस्से में इसको ही मार लगाया है, 
दुःख में आँसुओं से इसे ही भिगोया है, 
सुख दुख का साथी सच्चा मित्र भांति, 
दुनिया से अजीब ही निराला है मेरा तकिया! #nileshgendare #nojotohindi #meratakiya
हुआ जब जब में खुद से निराश, 
दुनिया से परेशां अपनो से हैरान, 
ठुकराया गया जब भी मैं हर तरफ़ से, 
किसी से ना कह पाऊ वो बाते इससे करता हूं, 
और शब्द ख़त्म हो तब भाव जगह ले तभी, 
मैंने अश्कों से भिगोया है अपना तकिया!

कहु क्या मै इसे बस यही है हमदर्द मेरा, 
हर सिसकियों में सुना है इसने दर्द मेरा,
मजबूत हूँ मै दुनिया को रोज दिखलाता हूँ,
मेरे तकिये के सामने ही तो खुल के रो पाता हूँ! 

साथ ही इसके देखे है मैंने कयी ख्वाब,
कभी हँस कर गले लगाया है तो, 
गुस्से में इसको ही मार लगाया है, 
दुःख में आँसुओं से इसे ही भिगोया है, 
सुख दुख का साथी सच्चा मित्र भांति, 
दुनिया से अजीब ही निराला है मेरा तकिया! #nileshgendare #nojotohindi #meratakiya