वो पहली मुलाक़ात तुम्हे याद है ना वो मुस्कुराना तुम्हारा और शर्माना मेरा वो दोस्ती का न्योता और सिर हिलना तुम्हारा वो कैंटीन के समोसे और अदरक वाली चाय वो नोट्स बदलना और कभी ना लौटाना मेरा वो रात वाली लम्बी एसटीडी की कॉल्स वो होस्टल के बाहर मिलना और पूछना दिन का हाल वो आख़री मुलाक़ात और वो अलविदा तुम्हारा वो पलट कर देखना और मुस्कुराना मेरा खैर दिन ढाल गए बस यादें वही खड़ी है तुम नहीं हो मगर तुम्हारी तस्वीर से आज भी बातें बड़ी है मोहनीश #chai_love Adrak Wali Chai