इश्क़ आज भी है मगर बस बात ही नहीं होती, ये आँखें देखना तो चाहती हैं उन्हें, बस मुलाकात ही नहीँ होती। हर दिन .., दिन तो ढलता है,मगर बस मनचाही रात ही नहीँ होती। इश्क़ आज भी है मगर, बस बात ही नहीं होती। बस बात ही नहीं होती, ये आँखें देखना तो चाहती हैं उन्हें, बस मुलाकात ही नहीँ होती। हर दिन .., दिन तो ढलता है, मगर बस मनचाही रात ही नहीँ होती। इश्क़ आज भी है मगर,