कर अक़िदत अपनी जेबों की नेक़ी, तेरी हर वाकेया खुद ही बयाँ हो जायेगी; कर शहादत अपनी ऐबोँ की ठेकी, तेरी हर रूहिया खूद ही साफिया हो जायेगी; ज़ालिम के जोर जबर हो तो क्या हुआ... हाथ पे जो तेरे कलम है, इससे उसकी हर तैयारियाँ खुद ही जाया हो जाएगी। About self revelation towards goodness