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में वही ठहरा ठहरा सा रह गया और तारीख गुजर गई। मुठ्

में वही ठहरा ठहरा सा रह गया और तारीख गुजर गई।
मुठ्ठी में रेत को संजोया तो रेत फिसल गई ।
छाव को ढूंढने निकला तो रात गुजर गई।
ऐसा वक्त आया की जिस्म से जान निकल गई

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