" मां " न होती तो..... मैं न होता! निराकार में, कहां रोता और कहां सोता। " विशाल " धरती दिया है तुमने, बदले में तुम्हें, दर्द और आंसू दिया हम सब ने। " काश " आज भी समझ आ जाए। " तुम्हारा " दर्द मुझ में समा जाए। " मां " न होती तो, कहां रहता,कहां होता, कहां रोता और कहां सोता। " मां " नहीं होती तो मैं नहीं होता।। """""""""""""""""""""""""""""" प्रमोद मालाकार की कलम से 12.06.2006 ************** ©pramod malakar 62... #OneSeason