सुंदर फूल जैसे हो तुम, मेरी ज़िन्दगी के गुलशन में, बनकर उम्मीद बहते रहते हो, दिल की धड़कन में। ऐतबार करती हूँ, तभी तो रहता है इंतज़ार तुम्हारा, गुज़रे लम्हों में भटकती रहती हूँ, तुम्हारे सुमरन में। कैसे आयेगी उदासी,जब हर तरफ़ ख़याल तुम्हारा, सुकूँ-ख़ुशबू से महकते रहते हो, मेरे मन-आँगन में। ज़मीन-ए-सुख़न के मालिक भी,बातें ख़ूब बनाते हैं, कब्ज़ा किये बैठो हो, एक मुद्दत से दिल-मस्कन में। काश! रहता अपना भी उन पे उतना ही असर 'धुन', भरती ना वो ख़ास जगह, ग़ैर ख़यालात से दर्पन में। मस्कन- घर Rest Zone आज का शब्द- 'फूल' #rzmph #rzmph45 #फूल #restzone #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #poetry #rzhindi