मायावी सी है इश्क की नगरी जिसकी अजीब सी ही राह है मंज़िल का तो किसको पता नहीं मगर आता हर कोई यहां है। इस नगरी के आधे ही सफर में अक्सर बदल जाता है सबका हमसफ़र इसकी होती दो ही वहजा है कभी किसका मान बदल जाता है या कोई जिस्म के खेल का शिकार हो जाता है। #yourquote #yourquotedidi #yoirquotewrites #yoirquotebaba #yourquotehindi