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#OpenPoetry मेरी मां से ज्यादा प्यार करूं किसको ख

#OpenPoetry 
मेरी मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
खुदा ने पूछा मुझको
कोन है सबसे प्यारा तुझको
मां का नाम लिया कह दिया उनको
मां से ज्यादा प्यार करूं किसको 
ध्यान से समझ को इसको
जब मैने पेट में लात मारी 
हंसते हंसते सह गई मां प्यारी
 मां मेरी कहानी, करू प्यार उनको
मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
उनके लिए नया सूरज उदय हुआ
उनकी कोख़ से मेरा जन्म हुआ
मेरी चीख खुश कर गई उनको
जब मैने पेशाब बिस्तर पर किया
आंचल अपना फैला बिस्तर पर दिया
ऊंगली पकड़कर चलना सिखाया मुझको
मां से ज्यादा प्यार करू किसको
अपने मुंह का निवाला भी खिलाया
पढ़ाया लिखाया काबिल बनाया
कैसे कह दु में,प्यार करू किसी और को
मेरी मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
                       
                               शिवराज खटीक #OpenPoetry मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
#OpenPoetry 
मेरी मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
खुदा ने पूछा मुझको
कोन है सबसे प्यारा तुझको
मां का नाम लिया कह दिया उनको
मां से ज्यादा प्यार करूं किसको 
ध्यान से समझ को इसको
जब मैने पेट में लात मारी 
हंसते हंसते सह गई मां प्यारी
 मां मेरी कहानी, करू प्यार उनको
मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
उनके लिए नया सूरज उदय हुआ
उनकी कोख़ से मेरा जन्म हुआ
मेरी चीख खुश कर गई उनको
जब मैने पेशाब बिस्तर पर किया
आंचल अपना फैला बिस्तर पर दिया
ऊंगली पकड़कर चलना सिखाया मुझको
मां से ज्यादा प्यार करू किसको
अपने मुंह का निवाला भी खिलाया
पढ़ाया लिखाया काबिल बनाया
कैसे कह दु में,प्यार करू किसी और को
मेरी मां से ज्यादा प्यार करूं किसको
                       
                               शिवराज खटीक #OpenPoetry मां से ज्यादा प्यार करूं किसको