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जितना बचना चाहता हूं उतना उलझ जाता हूँ ए जिंदगी बत

जितना बचना चाहता हूं
उतना उलझ जाता हूँ
ए जिंदगी बता ये माजरा 
आखिर क्या हैं
कितना करू खुद को मजबूत
डरता हूँ कही बिखर न जाऊ
जो ऐसा हुआ तो मैं मर जाऊंगा
मैं जीना चाहता हूं
सपनो को सच करना चाहता हूं
मुझे भीड़ का हिस्सा नही बनना
इसीलिए मन की करना चाहता हूँ
मिसाल न सही उदाहरण गढ़ना चाहता हूँ
 हा गढ़ना चाहता हूँ

©ranjit Kumar rathour
  उदाहरण बनना चाहता हूँ

उदाहरण बनना चाहता हूँ #कविता

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