दामन दर्द का थाम कर, लेके महादेव का नाम भर, निकल पड़ा है ये मुसाफ़िर अपने मनचाहे मुक़ाम पर। मैं बहुत कुछ लिखना चाहता हूँ, बहुत कुछ पढ़ना चाहता हूँ लेकिन कर नहीं पाता। लेकिन उम्मीद है कि एक दिन मेरे घर के पुस्तकालय में ही मेरी आत्मा का वास होगा ताकि मैं दुनिया की तमाम भाषाएँ एवं संस्कृति और उनके लोगों को समझ सकूँ, उनके इतिहास को जान सकूँ और एक बेहतर कल के निर्माण में सक्रिय योगदान निभा सकूं। 'हम होंगें कामयाब एक दिन' ~Ganes Digital Diary #yqbaba #collab #collabwithकोराकाग़ज़ #life #ambition #worldbetterplace #सुबहकामंज़र