शिक्षक एक शिक्षक में क्या-क्या गुण होने चाहिए यदि प्रश्न किया जाए तो बड़ा अटपटा सा लगता है,जिसका सलार्थ में उत्तर होगा जो पढ़ाना जानता हो।यदि पढ़ाने का शाब्दिक अर्थ लिया जाए तो जो बच्चों को सीखा सके। पर क्या इतना पर्याप्त है,या कुछ और भी छूट रहा है।संभवतः शिक्षक होने के लिए निर्धारित मापदंड।भारत सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड,पाठ्यक्रम की पूर्ति,परीक्षा संपन्न करना ही एक शिक्षक होने के लिए निर्धारित मापदंड हो नहीं सकते,अपितु आप एक शिक्षक हैं अर्थात आपके अन्तस से यह प्रतिध्वनि प्रकट हो कि आपने सीखा है और सीखने की प्रक्रिया आपमें गतिमान है तो आप कह सकते हैं कि आप शिक्षक हैं। मैं भी एक शिक्षक हूँ,परन्तु इधर मेरा आत्मविश्वास कुछ कम सा तब हो गया है जब किसी ने मेरे आसपास के रहने वाले में से ये कहा है कि विशेषकर तुम निजी विद्यालय वाले शिक्षक सभी विद्यार्थियों को थकते हो,यह भी मानता हूँ कि उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों का मैं यथासमय उत्तर नहीं दे पाया जो हिन्दी व्याकरण के थे,पर ये मेरे शिक्षक न होने को कहाँ तक परिभाषित करता है,ये मैं समझ नहीं पा सका! कारण यह आवश्यक है क्या कि एक इन्सान हर स्थिति में सभी चीजों के लिए तैयार हो,ऐसा संभव है क्या!इन्सान के मन में एकसाथ दशों चीजें चलती रहती है।जैसा मेरे मन में उस समय चल रहा था मैं कुछ सामान लेने जा रहा था और मेरे मस्तिष्क में उस समय और भी कुछ प्रतिद्वन्द गतिमान था,तो क्या मेरा उस समय पूछी हुई विषयवस्तु को विस्मृत कर जाना एक अवश्यंभावी स्थिति थी या संभावी ये तो मस्तिष्क के शोधनार्थी ही बतला सकते हैं कि मेरे मस्तिष्क का कौन-कौन सा हिस्सा किस गतिविधि में लीन था!!!! ©Bharat Bhushan pathak शिक्षक एक शिक्षक में क्या-क्या गुण होने चाहिए यदि प्रश्न किया जाए तो बड़ा अटपटा सा लगता है,जिसका सलार्थ में उत्तर होगा जो पढ़ाना जानता हो।यदि पढ़ाने का शाब्दिक अर्थ लिया जाए तो जो बच्चों को सीखा सके। पर क्या इतना पर्याप्त है,या कुछ और भी छूट रहा है।संभवतः शिक्षक होने के लिए निर्धारित मापदंड।भारत सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मापदंड,पाठ्यक्रम की पूर्ति,परीक्षा संपन्न करना ही एक शिक्षक होने के लिए निर्धारित मापदंड हो नहीं सकते,अपितु आप एक शिक्षक हैं अर्थात आपके अन्तस से यह प्रतिध्वनि प्रकट हो कि आपने सीखा है और सीखने की प्रक्रिया आपमें गतिमान है तो आप कह सकते हैं कि आप शिक्षक हैं। मैं भी एक शिक्षक हूँ,परन्तु इधर मेरा आत्मविश्वास कुछ कम सा तब हो गया है जब किसी ने मेरे आसपास के रहने वाले में से ये कहा है कि विशेषकर तुम निजी विद्यालय वाले शिक्षक सभी विद्यार्थियों को थकते हो,यह भी मानता हूँ कि उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों का मैं यथासमय उत्तर नहीं दे पाया जो हिन्दी व्याकरण के थे,पर ये मेरे शिक्षक न होने को कहाँ तक परिभाषित करता है,ये मैं समझ नहीं पा सका! कारण यह आवश्यक है क्या कि एक इन्सान हर स्थिति में सभी चीजों के लिए तैयार हो,ऐसा संभव है क्या!इन्सान के मन में एकसाथ दशों चीजें चलती रहती है।जैसा मेरे मन में उस समय चल रहा था मैं कुछ सामान लेने जा रहा था और मेरे मस्तिष्क में उस समय और भी कुछ प्रतिद्वन्द गतिमान था,तो क्या मेरा उस समय पूछी हुई विषयवस्तु को विस्मृत कर जाना एक अवश्यंभावी स्थिति थी या संभावी ये तो मस्तिष्क के शोधनार्थी ही बतला सकते हैं कि मेरे मस्तिष्क का कौन-कौन सा हिस्सा किस गतिविधि में लीन था!!!! #Teacher