शब्द - चाहतों के पन्ने (Pages of wishes) पता नहीं यह उभरता इश्क़ है या दिल की कोई हरकत आखिर कैसे बयां करूं मैं उनसे तड़पती मोहब्बत, बड़ा अजब सिलसिला है दिलों का किसी को रास आता है मेरा पागलपन तो दिल दुखता है किसी का सुलझना चाहते हैं सब से फिर भी उलझ जाते हैं बड़ा अजब गजब मसला है जिंदगी का, अल्फाज वो समझते नहीं शायरियां वो पढ़ते नहीं झट से मना लें हम उन्हें वो अदाएं मुझे आती नहीं, लोग सवाल उठाते हैं मुझपर और मेरी मोहब्बत पर अब कैसे समझाऊँ नजरों में हालात वयां होते नहीं,,,,,,,, - A.p. Bauddh ललितपुर, उत्तरप्रदेश #Alfaz_e_dil ©A. P. Eshu bauddh #alfaz_e_dil