आसाँ तो नहीं होंगे तुम्हारे बग़ैर ये दिन मगर गाहे-बगाहे याद तुमको भी आएगी ये गर्म शामे और चंचल हवा ठंडी मेरे आँचल में भर कुहूकेगी तुम्हें छूकर सताएगी आह! ढलकेगा सूरज जब नदी की ओट में नीरव ख़ाली हाथ...भींची मुठ्ठी में धड़कन कसमसाएगी... देखेंगे सहारे चाँद के कैसे ये रातें काटी जाएँगी... जिधर बदलोगे करवट याद कोई मुस्कुराएगी #toyou #yqlove #yqimages #lockdown #yqalone #yqyouandme