"सबके दिलों को छूकर" कितने ही रंगों के आलिंगन में समा, मैं खुद के रंग को समझ सका हूँ, मैं अकेला दुनिया से लड़ सकता हूँ, मगर क्यूँ जब मैं तुम सब को जीत चुका हूँ| हिमालय के सामने किसी पहाड़ की क्या औकात है, गुलाब के सामने किसी और फूल की क्या बिसात है, तिनके का सहारा डूबते के लिए कूदरती सौगात है, तुम सब का होना मेरे लिए रब के होने का एहसास है| जानता हूँ मुमकिन नहीं ज़िन्दगी भर का साथ है, तुम्हारे जाने से पहले होगा मेरा जाना मुझे विश्वास है, तुम सब मुस्कुराते रहना बस यही मेरा ख़्वाब है, "सबके दिलों को छूकर" अब गुजर भी जाऊँ तो अंत लाजवाब है| ये कविता हर उस इंसान के लिए जिनके दिलों को कहीं ना कहीं मैंने छुआ हो, आप पूछोगे आपके दिल का क्या? मेरे दिल को छू कर आप लोगो ने ही अपनी जगह हमेशा के लिए स्थापित कर ली है.. अब मैं कहीं भी जाऊँ आप की यादों का समागम मेरे साथ हमेशा रहेगा... Thanks अफसूँ for giving me such a beautiful topic to write on.. #सबकेदिलोंकोछूकर #yqdidi #maymoods #ufvoices #vineetvicky #hindipoetry