जैसा सोचोगे वैसे बन जाओगे, गुड़ से मिठास,केरी से खटास पाओगे, नेकी से नेक,बुराई से बुरे कह लाओगे, संगत हो जैसी,वैसा बन जाओगे। ©Kinjal Dogra #what #you #want #to #Be #paper