!! कर्मभूमि !! एक राह मोह की बाँध रही, दूजी कर्मभूमि को साध रही! चुनता हूँ दूजी राह सखे नैनों में सावन धार लिए, महफूज़ मोह को रक्खा और चल पड़ा व्यथित मन मार लिए! इस मोहपाश के अंकुश से खुद को मैं प्रेरित करता हूँ, दो राहों में से एक चुना पर कहाँ एक पर रहता हूँ! #philosophy #aestheticthoughts #yqhindi #yqbaba #yqdidi #diary #motivation #दोराहे