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कल तक दोनों साथ थे, नज़रों के पास थे दोनों साथ न ब

कल तक दोनों साथ थे, नज़रों के पास थे
दोनों साथ न बैठ, फिर भी चांद को निहारते
एक-दुजे का साथ मांगते, पर कह न पाते
तब दिल को सूकून था, एक होने का जूनून था
आज दोनों में दूरी है, यही नियती की मंज़ूरी हैं
भले ही अब पास नहीं है, दूरी का उन्हें एहसास नहीं हैं
पर दोनों को करनी एक-दूजे की परवाह है
क्योंकि चंदा मामा अभी भी खड़े दोनों के साथ गवाह है।।

©Bhaरती
  #चंदा_मामा_😘
bhartikotlu8620

Bhaरती

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चंदा_मामा_😘 #Quotes

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