"ताज ! तमंचों का है " पहचान न पाओगे चेहरा किरदार ! उसका रंगमंचों का है ज्ञान धरा का धरा रह जाता है तरक़्क़ी ! चमचों का है बातें चुभती, कड़वी लगती हैं ज़बाँ ! तंजों का है समझ ही ना पाओगे वार इनके कलह ! सियासी रंजों का है खुद को महफ़ूज़ समझते हो ? हाथ ! खूनी पंजो का है चहारदीवारे ऊँची कर लो ताज ! तमंचों का है ©वरुण " विमला " " ताज ! तमंचों का है " #ताज #किरदार #ज़बा #सियासत #हाथ #तरक़्क़ी #nojoto #nojotohindi #nojotokavita #hindi #kavita