मोहब्बत की नई दुनिया की,अब शुरूआत करनी है ; तेरी जुल्फों के साये में, मुझे अब शाम करनी है । जहां पर डूब करके, आत्मा को शान्ति मिल जाए ; वो निर्मल, धवल सी और पावन, तू त्रिवेणी है ।। ©RISHI SHUKLA #`love #rishi #life🔥🔥 #withyou arpit shukla(मेरे एहसास) #sudha007 Sandeep Dahiya Er. Ambesh Kumar कवि संतोष बड़कुर