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" कहाँ तुम खो गयें थे, जो तुम्हारे साथ मेरी हँसी

" कहाँ तुम खो गयें थे, 
जो तुम्हारे साथ
 मेरी हँसी-खुशी भी
चली गई थी। 
तुम्हें कितना दिल बैचेनी से ढुंढ रहा था। 
जैसे मेरी साँसे चलना ही भूल गई थी। "
तुम बेखबर तो पहले भी थे
 और आज भी हों। 
पर! मेरा तो पल पल तुम्हारी
 खबर रख रहा हैंआज भी।
कुछ तो रिश्ता जुडा हुआ हैं 
तेरे मेरे दिल का, 
जिसे हम अपनी साँसों में भी
महसूस कर सकते है। "
फिर से तुम आ जाओं न 
नए रंगों को लेकर 
मेरी दुनियाँ में।

©Geeta Sharma pranay #बैचेन_रंग

#holdmyhand
" कहाँ तुम खो गयें थे, 
जो तुम्हारे साथ
 मेरी हँसी-खुशी भी
चली गई थी। 
तुम्हें कितना दिल बैचेनी से ढुंढ रहा था। 
जैसे मेरी साँसे चलना ही भूल गई थी। "
तुम बेखबर तो पहले भी थे
 और आज भी हों। 
पर! मेरा तो पल पल तुम्हारी
 खबर रख रहा हैंआज भी।
कुछ तो रिश्ता जुडा हुआ हैं 
तेरे मेरे दिल का, 
जिसे हम अपनी साँसों में भी
महसूस कर सकते है। "
फिर से तुम आ जाओं न 
नए रंगों को लेकर 
मेरी दुनियाँ में।

©Geeta Sharma pranay #बैचेन_रंग

#holdmyhand