Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक परिंदे को आसरा नहीं क़फ़स के सिवा... और क़ौन इश

एक परिंदे को आसरा नहीं क़फ़स के सिवा...
और क़ौन इश्क़ करता हैं यहां हवस के सिवा ..।

इस बदन में रूह पड़ी रह जाएगी मुद्दतों...
कि,मर भी जाए अगर हम तेरे दरस के सिवा ..।

देखो ख़ामोशी भी आखिर क्यां कर सकती हैं...
यहां नहीं गुजर सकती जिंदग़ी बहस के सिवा..।

जरा बताओ कुछ हासिल करने आए हो क्यां...
‘ख़ब्तुल' उलफ़त और क्यां हैं तहस-नहस के सिवा ..।

देख लो अापकी दोस्ती पानी माँग रही हैं...
आगे और क्यां खाऊँ दुशमनों तरस के सिवा..। क़फ़स
एक परिंदे को आसरा नहीं क़फ़स के सिवा...
और क़ौन इश्क़ करता हैं यहां हवस के सिवा ..।

इस बदन में रूह पड़ी रह जाएगी मुद्दतों...
कि,मर भी जाए अगर हम तेरे दरस के सिवा ..।

देखो ख़ामोशी भी आखिर क्यां कर सकती हैं...
यहां नहीं गुजर सकती जिंदग़ी बहस के सिवा..।

जरा बताओ कुछ हासिल करने आए हो क्यां...
‘ख़ब्तुल' उलफ़त और क्यां हैं तहस-नहस के सिवा ..।

देख लो अापकी दोस्ती पानी माँग रही हैं...
आगे और क्यां खाऊँ दुशमनों तरस के सिवा..। क़फ़स