हर खता को तेरी में माफ कर जाऊंगा पर में जाऊंगा जरूर ना, तू न ये समझ मे खफा हूँ पर शायद वक़्त आ चुका है अलविदा होने का,में मुसाफिर हूँ पहाड़ो का मुझे म्हहोबत है खुले आसमान से तो सिर्फ तू नही वो जहां में रुक नही सकता वो में भी हु जहां रुकना मुझे गवारा नही। #नोजोतो #manOfNature #WhatIsLife #रुकना#गवारा#नही #nojoto #poetry#poet #शायर#शायरी #नगमा