अब करो बैठकें समीक्षा लाख तुम निलंबन करो हजार चिंतन बारम्बार मिट्टी के गुड्डे थे मिल गए मिट्टी में तुम करो जांच पड़ताल लगातार बच्चे तो चले गए ..... वो तो रुक ही नही रहे .... . उलझ रहे हो आपस में ही तुम क्या सुलझा पाओगे रास्ते पहले भी थे सामने क्या अब भी चल पाओगे बरसों का दुखदाई नाटक अब तो तुम बन्द करो बच्चे तो चले गए... वो तो रुक ही नही रहे . मजदूर दिहाड़ी से फिर भी दो रुपैया बचाता था घर पे कुछ लाता था संदूक में रख दिये होंगे उसने टूटे पुराने नए खिलौने लगते उसको सब बौने करेगा भी क्या बच्चे तो चले गए... वो तो रुक ही नही रहे.... . बच्चे