ना मैं अति सुंदर ना छरहरी ना ही नायिकाओं सी काया है मेरी.. पर खुद पर है नाज आत्मविश्वास और सम्बल ही छाया है मेरी! मैं, मैं हूं.. चाहे जैसी भी हूं, क्या करूं, क्या नहीं.. अब नहीं करना किसी की परवाह,, अब तो बस लगता है वही करूं जो दवा के दिल में रखी थी एक चाह...! अब अपने घोसले को ही नहीं.. खुद को भी सजाना है! बहुत मनाया सबको.. अब खुद को भी मनाना है, सूख चुकी उम्मीदों को; फिर सींचना है.. रूठी हुई ख्वाहिशों को गले लगा भींचना है..! जीऊँगी जिंदगी को फिर से, अब नए उमंग में.. लिए अपनी तमन्नाओं को, अपने संग में.. थाम हाथ में जुगनुओं को फिर से खिलखिलाऊंगी ❣ नए सफर को नई उम्मीदों की रोशनी से सजाऊंगी...! फिर से बचपन के करीब हूं मैं,, लिखूंगी फिर से अपनी जिंदगी.. मैं अब खुद ही, अपना नसीब बनाऊंगी!! मैं अब खुद ही...अपना नसीब बनाऊंगी!❣❣ ©Sagarpreet 😊😊❣❣न मैं अति सुंदर... #SunSet