हादसे तो बहुत हूए ,अब की कई अंगीनत मुलाकातों में, हादसे तो कई अगिनत है अब की कई अंगीनत मुलाकातों में बस उन्न हादसों को कलम से जुबां दिए जा रहे है उन्हे दोबारा एक दफा फिर जिए जा रहे है जब दिल छू जाते है कुछ किस्से , दो चार पेग लगा फिर हकीकत में जी आते है हादसे तो बहुत हूए ,अब की कई अंगीनत मुलाकातों में, बस उन्न हादसों को कलम से जुबां दिए जा रहे है जब कभी हकीकत में सच्चाई नजर आती है तो पूरा की पूरा बॉटल में डूब जा ते, सिगरेट के धुए में उडी कई अंगीनत मुलाकाते , फिर बिखरी बिखरी सी नजर आती है कलम की स्याही कागज पर फैली सी नजर आती है #वियाेगी_का_विलाप #emptiness #mulakate #poem #Random