ग़र ज़िंदा हो तो आँखों में ख़्वाब चाहिए! दिल में उमड़ते विचारों का सैलाब चाहिए! दिल-जिगर तन-मन को तुम फ़ौलादी करो; यारों ग़र तुम्हें आज़ादी इंक़लाब चाहिए! #revolution #इन्क़लाब