शब्द अल्फ़ाज़ और Word अक्सर हम इन्हीं में उलझे रहते हैं हमें भी लोग उलझाते रहते हैं हम भी लोगों को इन्हीं में उलझा कर रखते हैं जानें हम क्या जताना चाहते हैं जानें हम क्या जताया करते हैं यहां शब्दों के जाल भी बड़े अजीब है अल्फ़ाज़ों के कारीगर यहां और भी हसीन हैं Words के हेरफेर में सबको बहुत फसातें हैं किसी नुक्ते से उम्र भर की कहानी लिख जाते हैं आसां सी बातचीत हम कहां समझ पाते हैं हर बयान के अर्थ हम खोजते नज़र आते हैं क्या होता ग़र अल्फ़ाज़ों की दरकार ही ना होती कुछ कहे किसी से शब्दों की ऐसी बयार ही ना होती Words की जरूरत ना होती बस Face सबकी पहचान होती जो ज़हन में है वही चेहरे पर बुराई ज़हनें-आबाद न होती ये ज़िंदगी शब्दों में बेज़ार ना होती तब शायद इंसानियत सरे-बाज़ार यूं भी ख़ाक न होती यह दुनिया बड़ी मुश्किलों से यूं ही आज़ाद होती #शब्द_अल्फ़ाज़_Word अक्सर हम इन्हीं में उलझे रहते हैं हमें भी लोग उलझाते रहते हैं हम भी लोगों को इन्हीं में उलझा कर रखते हैं जानें हम क्या जताना चाहते हैं जानें हम क्या जताया करते हैं यहां शब्दों के जाल भी बड़े अजीब है अल्फ़ाज़ों के कारीगर यहां और भी हसीन हैं