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लम्हा, घड़ी, सुबह, शाम तुम्हीं तो मेरे आठों याम हो!

लम्हा, घड़ी, सुबह, शाम तुम्हीं तो मेरे आठों याम हो!
साँसे ,ख़ुशी , कसक, करार तुम्हीं तो मेरे अल्लाह हो, राम हो!
दौलत, सौहरत, इज्जत, मुहोब्बत तुम ही तो हमनवाब हो!
ये गुलाब क्या पेश करूँ तुमको, तुम ख़ुद में इक गुलशन ए गुलाब हो!


love you.. ❤️🌹

©Faniyal
  #RoseDaySpecial..