इतना भी मुश्किल नहीं था, पायाब ज़ख़्म का इलाज मेरा...... गर वो पूछ लेते इक दफ़ा, सबके सामने में मिजाज़ मेरा....... भरी महफ़िल में किसी को, ये ज़रा भी भनक तक न थी........ कि किसी से छुपाया है मैंने, इक अरसे से कोई राज़ मेरा........ और उन्होंने चंद पलों में उसे, अफ़वाह में कर दिया तब्दील....... बस उन्हीं को बताया था जो, मैंने किसी रोज़ इक राज़ मेरा....... ©Poet Maddy इतना भी मुश्किल नहीं था, पायाब ज़ख़्म का इलाज मेरा...... #Hard#ShallowWound#Mood#CrowdedGathering#Clue#Hide#Secret#LongTime#FewMoments#Rumour..............