खाई होगी मिठाईया बहुत पर इन पेड़ों के जैसी बात कहा, स्वाद इनका ला जबाब,ओर मिठाइयों में ऐसा स्वाद कहा। खाकर इनको लोग अक्सर ,रसगुल्ले भी भूल जाते है, हर तीज त्योहारों पर रज्जु चाचा के पेड़े ही मंगाते है। घर आये महमान जब मिठाई में पेड़े खाते है, जाते बक्त वो अपने साथ पेड़े ही ले जाते है। स्बाद की तो बात ना पूछो बड़े स्वादिष्ट पेड़े बनाते है , रज्जु काका भी क्या कमाल के पेड़े बनाते है। शिवपुर की होटलो पर तो कई जगह पेड़े नजर आते है, सीताराम गुरुजी के पेड़े मिठाइयो के राजा कहलाते है। ना भाएंगे पेठे आगरा के ना भायेगी राजिस्थानी मिठाई, एक बार खाकर तो देखो शिवपुर के पेड़े मेरे भाई।