मन भाव सिंधु में .......🙎 जग रहता है भव सागर में मेरे भीतर है भाव का सागर हलचल होती रहती जिसमें हर दिन ऐसा घाव का सागर श्याम चंद्र के अवलोकन से भवसागर में आ जाता ज्वार इसकी सोलह देख कलाएं मन भाव सिंधु मचले अपार एक हलचल लाता है चांद......... #kalamse #hindipoets #hindipoetry #nojotohindi