कवि की कल्पना..✍️🕊️ तेरी आंखें हैं झील जैसी। तेरी जुल्फें हैं घटाओं जैसी। तेरी गर्दन हैं सुराही जैसी। तेरी बोली हैं कोयल जैसी। तेरी ख़ूबसूरती है वादियों जैसी। तेरा बदन है संगमरमर जैसा। तेरी चाल हैं हिरनी जैसी। तेरी कमर हैं अध्छलकत गगरी जैसी। तेरी जवानी नदियां का पानी जैसी।तेरी हंसी हैं फूलों जैसी। तेरे आंसू हैं मोतियों जैसी। कुदरत की सारी ख़ूबसूरती है, तुझमें तू तो हैं किसी कवि की कल्पनाओं जैसी। उस ख़ुदा ने भी जब बनाया होगा तुझे ऐसी, तो उसने भी कहा होगा कि नहीं होगी कोई तेरे जैसी। नहीं होगी कोई तेरे जैसी।। गुमनाम Shayar..✍️🕊️™ शरद मिश्रा™..🔱 #कविकीकल्पना#कविता#शायरी#बात#Poetry#संगीत#विचार#ख़ूबसूरती#LoveFeelings#इजहार_ए_इश्क़