अपनी खानाबदोशीयो पे हस लेता हूं सफर में रोने को तनहाई बाकी है ख़ाली मन की जंजीरों से महक लेता हूं बागों में ख़यालो के बनराई है हर्फ़ोंवाली सच्ची तस्वीरों से सबक लेता हूं दागों में उजियारों के जुठ की है स्याही काली सिक्कों की खनक से ये खबर लेता हूं जेबों की जागीरें भारी और अधरों पे तीखी गाली #dharmuvach✍️ #freestylethought #freestylepoetry #freestylewriting #freetimewritings #yqdidi #yqhindi #yqquotes #dharmuvach