खाने की टेबल पर खाना था, लोग थे बस भूख नहीं थी पैसा था, रुतबा था बस उसे देख कर खुश होने वाला परिवार, मित्र नहीं थे प्रकृति अपने तरीके निकालती है, तुम्हें समझाने के लिए संसाधन एकत्र करके जीवन को सहज और सुलभ बना सकते हैं पर सुख नहीं दे सकते सुखी जीवन के लिए निरोगी काया और परिवार की छाया बहुत जरूरी है। खाने की टेबल पर खाना था, लोग थे बस भूख नहीं थी पैसा था, रुतबा था बस उसे देख कर खुश होने वाला परिवार, मित्र नहीं थे