बहन आज तेरा त्यौहार आ गया, फ़िर से राखी का दिन आ गया, तेरी शरारतें और तेरी बातें याद मुझे दिला गया, इस साल नहीं अगले साल आऊँगा, फ़िर से जब राखी आएगी मैं अपनी कलाई ले कर तेरे पास लौट आऊँगा, तू ऐसा ना सोचना सरहद पर तैनात मैं अपनी राखी भूल जाऊँगा, लौटूँगा जब मैं तुझसे हर साल की राखी गिन-गिन कर बध्वाऊंगा, तुझसे जो किया है वादा तेरी रक्षा का वो अपने प्राण दे कर भी ज़िन्दगी भर निभाऊंगा, तू मेरा इंतज़ार ना करना, मैं इस राखी पे नहीं, मगर अगली राखी पे ज़रूर आऊँगा। ©Lohit Tamta #Rakshabandhanquotes