आया है जिस दिन से तू मन में मेरे ग़ुम सी हूँ उस दिन से ख़ुद में ही मैं झटकती हूँ ख़्यालों को जितना तेरे उलझती हूँ उतना ही तुझमें कहीं मैं सोच पर काबू रहा नहीं अब मेरा बसा तू दिन-रात के हर पल में मेरे हँसती-चहकती थी पहले बहुत मैं अब ग़ुम मैं ग़ुमशुदा-ज़िंदगी बिन तेरे गुमशुदा ज़िन्दगी... #गुमशुदा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi