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अगर देखो तो चल रहा हूं मैं क्योंकि चलना है... अगर

अगर देखो तो
चल रहा हूं मैं
क्योंकि चलना है...
अगर सोचो तो
बैठा हूं मैं, ख़ुद में
न जाने कब से?

©डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ)
  #बैठा हूं, ख़ुद में