गहरा रही है याद आपकी तड़पा रही है दिल बेचैन है होंठ हैं खामोश इंतज़ार में नैन हैं आपकी आरज़ू है हमको ना चैन है तुमको ही पुकारे ये दिल तुमसे ही दिन रैन है रचना शर्मा "राही" #yosimwrimo में रात के विभिन्न रूपों के बारे में लिखें। #येरातजैसे #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi