सिंधु सम शान्त सहनशीलता ही शलंघ्नीय सु प्रयास है, अमर्ष से हो अभिभूत सदैव समूल सृष्टि का होता नाश है, रख नियंत्रण मनोभावों पर,वास्तविक सौष्ठव का अभास है, कर परिष्कृत निजतन मन को,मिलता सुकून का एहसास है। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 समय सीमा- आज रात 9 बजे तक। 🎀 परिणाम की घोषणा- सुबह 6 बजे के बाद।