वो लड़की बस मुझे इतना ख़ास मानती है, लफ़्ज़ों में मेरे वो प्यार का सागर तलाशती है, मैं जर्रा ज़मीं का वो मुझे आसमान मानती है, मुझें समंदर तो वो ख़ुद को दारियाँ नापती है, वो लड़की बस मुझे इतना ख़ास मानती है, यूँ तो दिल उसका कहीं लगता नहीं...लेकिन बातों से मेरी वो अपना सुकूँ तलाशती है, मुझें आईना तो उसमे ख़ुद का अक्स तराशती है वो लड़की बस मुझे इतना ख़ास मानती है, यूँ तो रातों को वो अक़्सर डर जाया करती है, मैं साथ होता हूँ तो ख़ुद को मेहफूज मानती है, औऱ एक डायरी रखती है अपने पास हमेशा, उसके हर पन्नो में मेरा वो किस्सा तराशती है, हाँ, वो लड़की बस मुझे इतना ख़ास मानती है, — Kumar✍️ ©Kumar #वो_लड़की #डियर_नोजोतो_फैमली #नोजोतहिन्दी indira