वो पहली मुलाकात याद आती है, तेरी कही सारी बात याद आती है। चेहरे पे बिखरी काली लटों को देख, वो अमावस की रात याद आती है। तेरी आँखों के बहते सैलाब को देख, मुझे वो घनी बरसात याद आती है। आज तन्हाई के इस दौर में मुझको, तेरी की हुई खुराफ़ात याद आती है। अमावस की रात के घनघोर अंधेरे में, "पागल" को इल्तिफ़ात याद आती है। ✍🏼"पागल"✍🏼 😘jaggu😘