मई के महीने में गयी जो वो पास से गुज़र के हम कुछ याद करने लगे, कुछ भूलने लगे तुम्हारे शहर आते ही मेरे हाथ पैर ठिठुरने लगे। देखा जो उसने यूँ दूर से हम मन ही मन सवरने लगे, पास जो वो आयी, हम ज़रा टूटे और बिखरने लगे, उसके पास मुस्कुराते ही, दबे अरमां मचलने लगे। तुम्हारे शहर आते ही मेरे हाथ पैर ठिठुरने लगे। #ohhpoetry #yqbaba #yqdidi