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*आजकल आती कहाँ हैं ज्यादा पीहर बेटियां*💃 *अपनी ह

*आजकल आती कहाँ हैं ज्यादा पीहर बेटियां*💃

*अपनी ही घर गृहस्ती बसाने में लगी रहती है बेटियाँ।*💃

*जिम्मे-दारियों के बोझ तले दबी रहती है बेटियाँ*💃

*मन पीहर में लगा रहता है शरीर काम करते रहता है, कभी जताती नहीं है बेटियाँ*💃

*आँखें नम है फिर भी हँसते हुए फोन पर पीहर में सभी से बातें करती रहती हैं बेटियाँ*💃

*चंचल सी, नाजूक सी, मासूम सी, लेकिन अब सयानी सी हो गयी हैं बेटियाँ*💃

*जब कभी करते हैं शिकायत क्युं नहीं पीहर आती हैं बेटियांँ* 💃 *तो उल्टा नाराज होकर ड़ांटने के अंदाज में कहती हैं आपने इतने अच्छे संस्कार ही क्युं दिये ताकि  ससुराल की जिम्मैदारी छोड़ कुछ दिनों के लिये सुस्ताने भी नहीं आ पाती है पीहर बेटियाँ*💃

*हाँ पीहर में किसी को भी कुछ भी हो जाये सब छोड़-छाड़ कर दौड़े चली आती हैं बेटियाँ*💃

*बाबूल का दिल है तो ससुराल की धड़कन होती हैं बेटियाँ💃* ✍️ ** 😊 ye sab papa ki pariyo k liye post dali hai sab betiyo k liye
*आजकल आती कहाँ हैं ज्यादा पीहर बेटियां*💃

*अपनी ही घर गृहस्ती बसाने में लगी रहती है बेटियाँ।*💃

*जिम्मे-दारियों के बोझ तले दबी रहती है बेटियाँ*💃

*मन पीहर में लगा रहता है शरीर काम करते रहता है, कभी जताती नहीं है बेटियाँ*💃

*आँखें नम है फिर भी हँसते हुए फोन पर पीहर में सभी से बातें करती रहती हैं बेटियाँ*💃

*चंचल सी, नाजूक सी, मासूम सी, लेकिन अब सयानी सी हो गयी हैं बेटियाँ*💃

*जब कभी करते हैं शिकायत क्युं नहीं पीहर आती हैं बेटियांँ* 💃 *तो उल्टा नाराज होकर ड़ांटने के अंदाज में कहती हैं आपने इतने अच्छे संस्कार ही क्युं दिये ताकि  ससुराल की जिम्मैदारी छोड़ कुछ दिनों के लिये सुस्ताने भी नहीं आ पाती है पीहर बेटियाँ*💃

*हाँ पीहर में किसी को भी कुछ भी हो जाये सब छोड़-छाड़ कर दौड़े चली आती हैं बेटियाँ*💃

*बाबूल का दिल है तो ससुराल की धड़कन होती हैं बेटियाँ💃* ✍️ ** 😊 ye sab papa ki pariyo k liye post dali hai sab betiyo k liye
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